एस.ए.एस. नगरः पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और मुख्य अतिथि अरविंद केजरीवाल ने आज राज्य में औद्योगिक विकास में क्रांति लाने के लिए 12 नई पहलों की शुरुआत की, जिसके साथ पंजाब में औद्योगिक क्रांति के तहत औद्योगिक विकास और समृद्धि का एक नया युग शुरू हुआ।
अधिक जानकारी देते हुए मुख्य अतिथि अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये 12 पहलें पंजाब में औद्योगिक संचालन के तौर-तरीकों, उद्योगों और सरकार के बीच संवाद, उद्योगों द्वारा अपनी जमीन की कीमत प्राप्त करने और राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनने के संबंध में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले राज्य सरकार सभी आवेदनों के लिए 45 दिनों में डीम्ड अप्रूवल सिस्टम को सुनिश्चित करेगी, जिसके तहत यह शर्त होगी कि व्यवसाय स्थापित करने या मौजूदा व्यवसाय के विस्तार के लिए सभी मंजूरियां और स्वीकृतियां अधिकतम 45 कार्यदिवसों में जारी की जाएंगी, जिससे निवेशकों की सबसे बड़ी चिंताओं में से एक – देरी और अनिश्चितता – का समाधान होगा। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कई मंजूरियां 60 से 120 कार्यदिवसों में प्रदान की जाती थीं और वास्तविक प्रक्रिया में अक्सर इससे भी अधिक समय लगता था, जिससे परियोजना लागू करने में अनिश्चितता पैदा होती थी।
मुख्य अतिथि ने कहा कि अब नए व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवेदन करने पर सरकार सात दिनों के भीतर आवेदन की ऑनलाइन समीक्षा करेगी और यदि कोई कमी है तो आवेदक को इसकी सूचना देगी। इन कमियों को दूर करने के बाद बाकी 45 दिनों के भीतर सभी मंजूरियां प्रदान की जाएंगी।
उन्होंने आगे कहा कि एक डीम्ड अप्रूवल सिस्टम भी लागू किया गया है और यदि निर्धारित समय-सीमा के भीतर सक्षम प्राधिकारी द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जाता, तो फास्ट-ट्रैक पंजाब पोर्टल अगले दिन स्वतः एक मंजूरी तैयार करेगा, जिसकी कानूनी वैधता नियमित मंजूरी के समान होगी। अरविंद केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि यह जवाबदेही और सिस्टम-संचालित कदम पंजाब को निवेशक सुविधाओं के मामले में एक राष्ट्रीय मॉडल बनाता है, जो तेलंगाना, कर्नाटक (दोनों कांग्रेस शासित), गुजरात, महाराष्ट्र (दोनों भाजपा शासित) और तमिलनाडु जैसे उन्नत औद्योगिक राज्यों को भी पीछे छोड़ता है।
दूसरा, मुख्य अतिथि ने कहा कि फास्ट-ट्रैक पंजाब पोर्टल को सभी मंजूरियां प्रदान करने के लिए सिंगल-विंडो के रूप में शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि भले ही पंजाब में पिछली सरकारों ने सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करने का दावा किया था, लेकिन वे सभी दावे झूठे साबित हुए हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत में पहली बार, पंजाब ने निवेशकों के लिए सिंगल विंडो स्थापित की है, जहां वे आवेदन कर सकते हैं और राज्य सरकार सभी विभागों से उनके लिए मंजूरियां प्राप्त करेगी।
मुख्य अतिथि ने कहा कि ये मंजूरियां 3.5 वर्षों के लिए वैध होंगी और इस अवधि में उद्योगों को आवश्यक मंजूरियां प्राप्त करनी होंगी। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब में लगभग 95 प्रतिशत परियोजना प्रस्तावों को लाभ मिलेगा, जिसमें उद्योग, आईटी इकाइयां, अस्पताल, होटल और शैक्षणिक संस्थान (बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, रियल एस्टेट और आवासीय परियोजनाओं को छोड़कर) शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन प्रावधानों को लागू करने के लिए अगले विधानसभा सत्र में व्यवसाय का अधिकार अधिनियम में संशोधन पेश करेगी। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि निवेशकों को एक और सुविधा देते हुए, पंजाब अब बिल्डिंग प्लान संबंधी मंजूरियां और स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रियाओं को आसान बना रहा है, क्योंकि ये प्रक्रियाएं पहले निवेशकों के लिए बहुत समय लेने वाली और महंगी थी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में निवेशकों को सरकार द्वारा सूचीबद्ध कुछ विशेषज्ञों के पीछे भागना पड़ता था और अब सरकार द्वारा एक स्व-प्रमाणन प्रणाली पेश की जा रही है।
मुख्यअतिथि ने कहा कि उद्यमी अपने बिल्डिंग प्लान को किसी भी आर्किटेक्ट से मंजूरी दिला सकते हैं और राज्य सरकार इसे स्वीकार करेगी। उन्होंने आगे कहा कि उद्यमी किसी भी योग्य सिविल/स्ट्रक्चरल इंजीनियर से जारी अपना स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं और राज्य सरकार द्वारा इसे स्वीकार किया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब अनावश्यक जांच और मंजूरियों के लिए सरकार के पीछे भागने की कोई जरूरत नहीं रहेगी।
उद्यमियों को एक और राहत देते हुए मुख्य अतिथि ने पंजाब में फायर सेफ्टी संबंधी एन.ओ.सी. जारी करने के नियमों को आसान बनाने की घोषणा भी की, जिसके साथ पंजाब इस संबंध में देश का सबसे प्रगतिशील राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि एक स्व-प्रमाणन प्रणाली शुरू की जा रही है और पैनल में शामिल आर्किटेक्टों द्वारा तैयार की गई फायर ड्राइंग/योजनाओं को सरकार द्वारा स्वीकार किया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के लिए फायर एन.ओ.सी. की वैधता को जोखिम वर्गीकरण के आधार पर एक वर्ष से बढ़ाकर तीन से पांच वर्ष तक कर दिया गया है और केवल जोखिम वाले उद्योगों को वार्षिक एन.ओ.सी. की आवश्यकता होगी।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 12 पहलों में से चार पहलें जमीन की मालकियत में पारदर्शिता प्रदान करने और निवेशकों के लिए औद्योगिक जमीन की कीमत को अनलॉक करने से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि यह इस बात को मान्यता देता है कि पंजाब में जमीन महत्वपूर्ण और मूल्यवान है और यदि जमीन की कीमत को अनलॉक किया जा सकता है, तो यह पंजाब में व्यवसायों की प्रतिस्पर्धात्मकता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत में पहली बार, पंजाब एक डिजिटल रूप से डिलीवर किया गया लैंड फिजिबिलिटी सर्टिफिकेट शुरू कर रहा है, जो सर्कल रेवेन्यू ऑफिसर (सी.आर.ओ.)/तहसीलदार द्वारा 15 कार्यदिवसों की निर्धारित समय-सीमा के भीतर जारी किया जाता है।