चंंडीगढ़ः पंजाब सरकार ने जीएसटी दरों में कटौती पर सहमति जताते हुए केंद्र सरकार से पंजाब का बकाया 50 हजार करोड़ रुपए तत्काल जारी करने की मांग की है।
जीएसटी जीओएम की मीटिंग के बाद वरिष्ठ नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जीएसटी आने के बाद पंजाब को 1 लाख 11 हजार 45 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जिसमें केंद्र सरकार महज 60 हजार करोड़ रुपए ही दिया है, जबकि 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा अभी भी केंद्र के पास है। साथ ही, आरडीएफ का 8 हजार करोड़ रुपए भी रोक रखा है।
अगर पंजाब, वन नेशन-वन टैक्स स्कीम में शामिल नहीं होता तो उसे राजस्व का इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। अब कंपेनसेशन सेस को भी बंद कर दिया गया है। भाजपा की केंद्र सरकार राज्यों की अर्थव्यवस्था को तबाह करना चाहती है, ताकि राज्य उसके सामने हाथ फैलाने को मजबूर हों।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने गुरुवार को दिल्ली की स्थित पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर कहा कि 20-21 अगस्त को लगातार दो दिन जीएसटी के ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (जीओएम) की मीटिंग हुई। बुधवार को जीओएम की मीटिंग लाइफ एंड हेल्थ इंश्योरेंस पर हुई। इसके बाद शाम को कंपेनसेशन सेस पर मीटिंग हुई। हमें चेयरमैन ने बताया कि आज रेट रेशनलाइजेशन पर जीओएम की मीटिंग हो रही है। इस मीटिंग में भी कंपेनसेशन सेस के सभी सदस्य भाग लेंगे। इसलिए गुरुवार को हुई मीटिंग में भी हमने भाग लिया। उन्होंने कहा कि 2017 में जीएसटी आया। पिछले 8 साल में जीएसटी में 27 बार संशोधन लाया गया और विभिन्न वस्तुओं पर अलग-अलग सेक्टरों को छूट दी गई। 15 बार विभिन्न वस्तुओं की जीएसटी दर में कम-ज्यादा की गई। पिछले 8 सालों से जीएसटी काउंसिल में यह अभ्यास जारी है। पिछले तीन साल से मैं खुद देख रहा हूं।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जीएसटी के दो स्लैब बनाने का एलान किया है। एक स्लैब 5 फीसद की होगी और दूसरी 12 फीसद की होगी और सभी की दिवाली मनेगी। लेकिन जीएसटी आने के बाद पंजाब समेत अन्य राज्यों का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कौन करेगा? उसको कौन मुआवजा देगा। वन नेशन, वन टैक्स केंद्र सरकार की स्कीम थी और पंजाब समेत देश के सभी राज्यों अपनी सहमति दी। सभी ने माना कि पूरे देश में एक समान टैक्स दरें होनी चाहिए, ताकि कोई भी राज्य अपने नागरिकों पर कम या ज्यादा टैक्स न लगा पाए। लेकिन इस फार्मूले का पंजाब को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि मैंने जीएसटी जीओएम की तीनों बैठकों में पंजाब का पक्ष रखा। अब तक पंजाब का 1 लाख 11 हजार 45 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पंजाब को बहुत बड़ा नुकसान जीएसटी सिस्टम आने के बाद हुआ। इसमें से केंद्र सरकार ने 60 हजार करोड़ रुपए मुआवजा दिया। इसके बाद भी पंजाब का 50 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार के पास है। इस पैसे को कौन देगा? जब से जीएसटी आया है, भाजपा की केंद्र सरकार कोई न कोई संशोधन करती रहती है। लेकिन कभी भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। लगातार देश के करदाताओं को परेशान किया जा रहा है। देश के सिस्टम को बर्बाद करने का काम किया जा रहा है। जीएसटी सिस्टम से कई राज्यों के राजस्व का लगातार नुकसान हो रहा है। इस नुकसान की भरपाई करने से केंद्र सरकार पीछे हट गई है।
हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि गुरुवार को कंपेनसेशन सेस की मीटिंग में सरकार ने कहा कि लोन लेकर कंपेनसेशन सेस का जो पैसा राज्यों को दिया था, उस लोन की अक्टूबर तक पूरा भुगतान हो जाएगा। हानिकारक वस्तुओं (सिलगुड) पर स्पेशन टैक्स लगा था। उसके कलेक्शन में जिन राज्यों को नुकसान होता था, उनको उसकी भरपाई की जाती थी। लेकिन अब जो रेट रेशनलाइजेशन कमेटी की रिपोर्ट आ रही है, उससे पता चलता है कि अब सिलगुड के उपर भी टैक्स स्लैब कम किया जा रहा है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब का 50 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कौन करेगा? क्या केंद्र सरकार इस नुकसान की भरपाई करेगी? इसके अलावा पंजाब का आरडीएफ का 8 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा केंद्र सरकार ने रोक रखा। दो दिन पहले प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत एक हजार करोड़ रुपए और रोक लिया गया। इस तरह पंजाब का केंद्र सरकार के उपर करीब 60 हजार करोड़ रुपए बकाया है। इसमें जीएसटी आने के बाद 50 हजार करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान शामिल है। केंद्र सरकार को 60 हजार करोड़ रुपए तुरंत जारी करना चाहिए। अगर पंजाब वन नेशन-वन टैक्स स्कीम में शामिल नहीं होता तो सरकार को बहुत ज्यादा राजस्व प्राप्त होता। हमने केंद्र सरकार की बात मानी और देश के साथ खड़े हुए। लेकिन इसका नुकसान पंजाब को हुआ। पंजाब के साथ और कई राज्यों को नुकसान हुआ है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जीएसटी आने के बाद कंेद्र सरकार ने कहा था कि ग्रोथ का 14 फीसद कंपेनसेशन सेस के तहत राज्यों को राजस्व मिलेगा। पंजाब का कुल राजस्व 2 लाख 37 हजार 530 करोड़ रुपए बना। लेकिन पंजाब को जीएसटी के तहत महज 1 लाख 26 हजार 485 करोड़ रुपए ही मिला। इस तरह पंजाब को 1 लाख 11 हजार 45 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसमें से केंद्र सरकार पंजाब को सिर्फ 60 हजार करोड़ रुपए ही दिया है और अभी 50 हजार करोड़ से ज्यादा केंद्र के पास है। केंद्र सरकार ने कहा था कि जो भी राज्य नुकसान में जाएगा, उस नुकसान की भरपाई की जाएगी। लेकिन अब कंपेनसेशन सेस के तहत राज्यों को मिलने वाला पैसा भी बंद कर दिया गया। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों की अर्थव्यवस्था को तोड़ना चाहती है। भाजपा का गुप्त एजेंडा राज्यों की अर्थव्यवस्था को तोड़ना है। भाजपा सरकार का संघीय ढांचे पर यह सबसे बड़ा हमला है। भाजपा सरकार राज्यों के अधिकारों को सीमित करना चाहती है। जब राज्यों के पास पैसे नहीं होंगे तो फिर वो केंद्र के पास पैसे के लिए गुहार लगाएंगे।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि रेट रेशनलाइजेशन कमेटी की बैठक में हमने मांग की है कि जीएसटी दरें कम करने के कारण राज्यों का जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई कौन करेगा? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरें कहीं ज्यादा तो कहीं कम कर दी है। मसलन, बिना निर्मित तम्बाकू पर 90 से 98 फीसद तक टैक्स लगा था, लेकिन अब इस पर 40 फीसद टैक्स का प्रस्ताव लाया गया है। तम्बाकू सेहत के लिए नुकसान दायक है। इसलिए ऐसी वस्तुओं पर अधिक टैक्स लगाया गया था, ताकि लोगों को नशे से बाहर निकाला जा सके। टैक्स कम होने से तम्बाकू का इस्तेमाल बढ़ेगा। वहीं, तैयार तम्बाकू पर 39 फीसद से 318 फीसद तक टैक्स लगा था। अब इसे भी 40 फीसद कर दिया गया। पान मसाले पर 88 फीसद टैक्स था, ये भी 40 फीसद पर आ गया। सिगरेट पर 33 से े64 फीसद टैक्स था, इसे भी 40 फीसद कर दिया गया। बीडी पर 28 फीसद टैक्स था, उसे 18 फीसद कर दिया। हम जीएसटी दरों में कटौती के खिलाफ नहीं है। लेकिन राज्यों के नुकसान की भरपाई भी होनी चाहिए।