नई दिल्लीः केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री और प्रसिद्ध डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि योग की नियमित साधना से टाइप-2 डायबिटीज की रोकथाम की जा सकती है। यह जानकारी उन्हें प्रस्तुत की गई रिपोर्ट ‘योगा एंड प्रिवेंशन ऑफ टाइप-2 डायबिटीज’ में सामने आई है, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा को सौंपा गया।
यह रिपोर्ट भारत की रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (RSSDI) द्वारा तैयार की गई है, जिसका नेतृत्व इसके पूर्व अध्यक्ष और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. एस.वी. मधु ने किया। इसका उद्देश्य टाइप-2 डायबिटीज की रोकथाम में योग की भूमिका को रेखांकित करना है, न कि केवल प्रबंधन में।
रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “यह पहला ऐसा प्रयास है जिसमें वैज्ञानिक रूप से दस्तावेजीकरण कर यह दर्शाया गया है कि योग से टाइप-2 डायबिटीज की संभावना को रोका जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, योग का नियमित अभ्यास करने वाले व्यक्तियों में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 40% तक घटता है।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि पूर्व में हुए अधिकांश अध्ययन पहले से डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों पर केंद्रित थे, जिनमें यह देखा गया कि योग से दवाइयों या इंसुलिन पर निर्भरता कम हो सकती है लेकिन यह अध्ययन विशेष रूप से उन लोगों पर केंद्रित है जो डायबिटीज के खतरे में हैं, जैसे – जिनके परिवार में यह बीमारी रही हो, और जांच करता है कि क्या इसका प्रकोप रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह अध्ययन भारत की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित डायबिटीज शोध संस्थाओं में से एक RSSDI के तत्वावधान में किया गया है। डॉ. सिंह ने बताया कि रिपोर्ट को आगे की जांच के लिए प्रस्तुत किया गया है और यह गैर-नैदानिक (non-clinical) अवलोकनों पर आधारित है।